सोमवार, मार्च 05, 2012

होली आई झूम के

होली का त्यौहार है, रंगों की बौछार ।
चुटकी एक गुलाल से, बढ़े आपसी प्यार ।।
बढ़े आपसी प्यार, फैलता भाईचारा ।
किया जब भी प्रयास, मिटा मनमुटाव सारा ।।
कहता सबसे ' विर्क ', गले मिलना हमजोली ।
मिटाकर भेदभाव, खेलना मिलकर होली ।।

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होली आई झूम के, डाल रहे सब रंग ।
शक्ल हुई बदशक्ल है, हुए सभी बदरंग ।।
हुए सभी बदरंग, अजब-सी मस्ती छाई ।
जश्न मनाते सभी, ख़ुशी है बेहद पाई ।।
भीग रही है रूह, भीगते कुरता-चोली
सब नर नारी ' विर्क ', खेलते मिलकर होली ।।

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दिलबागसिंह विर्क
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7 टिप्‍पणियां:

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

वाह||
बहूत हि बढीया रचना...
होली पर्व कि शुभ कामनाये

vandana gupta ने कहा…

शानदार प्रस्तुति…………होली की शुभकामनायें।

कविता रावत ने कहा…

होली की मस्त प्रस्तुति ...
होली की आपको सपरिवार शुभकामनायें!

Kunwar Kusumesh ने कहा…

Happy holi and Mahila divas both.

आनन्द विश्वास ने कहा…

होली के बहाने,मुलाकात तो हो ली।
होली के पावन पर्व पर ढेर सारी शुभकामनाऐं।
घृणा,द्वेष एवं अभिमान भस्मिभूत हो और
मन निर्मल हो।
ऐसी शुभकामना के साथ।

आनन्द विश्वास।

Dr Varsha Singh ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति. खूबसूरत तस्वीर....

आपको सपरिवार रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ......!!!!

Onkar ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति. होली की शुभकामनाएँ.

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