बुधवार, अगस्त 21, 2013

दिल छोटा-सा बच्चा है शायद

सुन मीठे बोल बिका है शायद
दिल छोटा-सा बच्चा है शायद ।

दाद मिली है लोगों से मुझको
मैंने कुछ झूठ कहा है शायद ।

हर आहट चौंका देती हमको
हम सबमें चोर छुपा है शायद ।

मेरा दिल फिर बेचैन हुआ है
तूने मुझको सोचा है शायद ।

कहती है आज चमक आँखों की
कोई इंसान दिखा है शायद ।

दिल टूटे तो शोर नहीं होता
कोई शीशा टूटा है शायद ।

बहका देता इश्क जिसे भी हो
' विर्क ' तुझे भी रोग लगा है शायद ।

दिलबाग विर्क 

1 टिप्पणी:

virendra sharma ने कहा…


सुन्दर दोनों बंदिशें बेहद सुन्दर भाव और अर्थ सौंदर्य लिए।

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