tag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post4447108555144858684..comments2023-10-17T20:27:18.757+05:30Comments on Sahitya Surbhi: गाँव (कविता )दिलबागसिंह विर्कhttp://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post-26978241908004080452012-07-19T10:23:06.245+05:302012-07-19T10:23:06.245+05:30बहुत भावपूर्ण रचना सच्चाई बयान करती हुई दिल ढूँढता...बहुत भावपूर्ण रचना सच्चाई बयान करती हुई दिल ढूँढता है फिर वही गाँव के रात दिनRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post-17708746060329615572012-07-19T10:02:12.312+05:302012-07-19T10:02:12.312+05:30गाँवों की गलियाँ, चौबारे,
याद बहुत आते हैं।
कच्च...गाँवों की गलियाँ, चौबारे,<br /><br />याद बहुत आते हैं।<br /><br />कच्चे-घर और ठाकुरद्वारे,<br /><br />याद बहुत आते हैं।।<br /><br /><br />छोड़ा गाँव, शहर में आया,<br /><br />आलीशान भवन बनवाया।<br /><br />मिली नही शीतल सी छाया,<br /><br />नाहक ही सुख-चैन गँवाया।<br /><br />बूढ़ा बरगद, काका-अंगद,<br /><br />याद बहुत आते हैं।।<br /><br /><br />अपनापन बन गया बनावट,<br /><br />रिश्तेदारी टूट रहीं हैं।<br /><br />प्रेम-प्रीत बन गयी दिखावट,<br /><br />नातेदारी छूट रहीं हैं।<br /><br />गौरी गइया, मिट्ठू भइया,<br /><br />याद बहुत आते हैं।।<br /><br /><br />भोर हुई, चिड़ियाँ भी बोलीं,<br /><br />किन्तु शहर अब भी अलसाया।<br /><br />शीतल जल के बदले कर में,<br /><br />गर्म चाय का प्याला आया।<br /><br />खेत-अखाड़े, हरे सिंघाड़े,<br /><br />याद बहुत आते हैं।।<br /><br /><br />चूल्हा-चक्की, रोटी-मक्की,<br /><br />कब का नाता तोड़ चुके हैं।<br /><br />मटकी में का ठण्डा पानी,<br /><br />सब ही पीना छोड़ चुके हैं।<br /><br />नदिया-नाले, संगी-ग्वाले,<br /><br />याद बहुत आते हैं।।<br /><br /><br />घूँघट में से नयी बहू का,<br /><br />पुलकित हो शरमाना।<br /><br />सास-ससुर को खाना खाने,<br /><br />को आवाज लगाना।<br /><br />हँसी-ठिठोली, फागुन-होली,<br /><br />याद बहुत आते हैं।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post-73465971185554112702012-07-19T07:53:41.841+05:302012-07-19T07:53:41.841+05:30बेहतरीन !
़़़़़़
मुझे लग रहा था
बस मेरा खोया है
अ...बेहतरीन !<br />़़़़़़<br />मुझे लग रहा था <br />बस मेरा खोया है<br />अच्छा तो तेरा <br />भी खोया है<br />पता नहीं किस <br />किस का खोया है<br />लेकिन खो गया है <br />गाँव कस्बा और शहर<br />किसे पड़ी है लेकिन <br />क्योंकि अभी तक<br />ना तो अखबार में <br />ये खबर आई है<br />ना ही किसी ने <br />थाने में कोई <br />एफ आई आर <br />ही कराई है !!सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post-49611398309285058432012-07-18T15:20:23.643+05:302012-07-18T15:20:23.643+05:30गाँव के बदलने की कहानी ... सुंदर रचनागाँव के बदलने की कहानी ... सुंदर रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post-3809307969223620072012-07-17T22:01:21.324+05:302012-07-17T22:01:21.324+05:30Badalte dour ko behatreen andaaz mein pesh kiya ha...Badalte dour ko behatreen andaaz mein pesh kiya hai ... Lajawab rachna ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3127805122051241213.post-83484763344863557542012-07-17T21:18:40.615+05:302012-07-17T21:18:40.615+05:30आज कल सच में पहले वाले गावं नहीं रहे ...सब कुछ बदल...आज कल सच में पहले वाले गावं नहीं रहे ...सब कुछ बदल चुका हैं इस आधुनिककरण की अंधी आंधी में ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.com