रविवार, मार्च 25, 2012

चाहत

तुझे चाहा है
तेरी ही पूजा की है
इसके सिवा
न है तलाश कोई 
न है चाहत मेरी ।
तेरी तलाश
तू ही मेरी चाहत
मेरा जीवन
अर्पित है तुझको
तुझ बिन मैं नहीं ।

* * * * *

6 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

तुम मिले....और जीने को क्या चाहिए...

सुन्दर!!!!
सादर
अनु

Pallavi saxena ने कहा…

बढ़िया एवं सुंदर प्रस्तुति...

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

वाह!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह ....खूबसूरत भाव

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

और मुझ बिन तुम नहीं..........

सुंदर समर्पण

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह बहुत खूब .......मन की तलाश पूरी हुई

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