शुक्रवार, अक्तूबर 03, 2014

विजयदशमी

4 टिप्‍पणियां:

Onkar ने कहा…

बहुत सुन्दर

Meena Bhardwaj ने कहा…

बहुत सुन्दर सीख देता सृजन.

Marmagya - know the inner self ने कहा…

आदरणीय दिलबाग सिंह विर्क जी, नमस्ते 🙏! आपकी रचना व्यंग्य का पुट लिए हुए है। बहुत सुंदर! साधुवाद!--ब्रजेन्द्रनाथ

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर सृजन

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