मंगलवार, नवंबर 04, 2014

खुशियाँ जगमगाती हैं दिवाली में

दिलों को दीपमालाएँ लुभाती हैं दिवाली में 
जमीं को देख परियाँ मुस्कराती हैं दिवाली में |

जरूरी हार इनकी, ये अँधेरे हार जाते हैं 
शमाएँ मिल असर अपना दिखाती हैं दिवाली में |
मजे से ज़िंदगी जीना कभी तुम सीखना इनसे 
जवां दिल की उमंगें गीत गाती हैं दिवाली में |

यही सच, दौर कितना भी बुरा हो, बीत जाता है 
गमों को जीत, खुशियाँ जगमगाती हैं दिवाली में |

न समझो शोर इसको ' विर्क ' बच्चों के पटाखों का 
दबी-सी ख्बाहिशें आवाज़ पाती हैं दिवाली में |

दिलबाग विर्क 
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तरही मिसरे पर आधारित शे'र -
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2 टिप्‍पणियां:

Pratibha Verma ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

Unknown ने कहा…

Behad khubsurat gazal... Umda !!

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