इबादत करना चाहता हूँ , मुझे कोई खुदा चाहिए
लुटा सकूं जिस पर अपनी वफा, ऐसा बा-वफा चाहिए ।
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ।
हंसने का हुनर हावी होगा हर ला-इलाज मर्ज पर
वो आजमाए इसे , जिसे दर्दे-जिगर की दवा चाहिए ।
तंगदिली के बादल छाए हैं मुहब्बत के आसमान पर
उडा ले जाए जो वहमों-रस्मों को वो हवा चाहिए ।
खामोशियों का ओढकर नकाब बोलना सीख रहा हूँ
जो दिल को छू लेकर जाकर ऐसी कोई सदा चाहिए ।
माना कि बुरा हूँ मैं मगर मुहब्बत से खाली नहीं
यकीं दिला सकता हूँ बस मौका एक मरतबा चाहिए ।
कुछ नहीं मिलता दौलत- शौहरत के पीछे दौडकर
गर विर्क सकूं मिले दिल को तो और भला क्या चाहिए ।
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लुटा सकूं जिस पर अपनी वफा, ऐसा बा-वफा चाहिए ।
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ।
हंसने का हुनर हावी होगा हर ला-इलाज मर्ज पर
वो आजमाए इसे , जिसे दर्दे-जिगर की दवा चाहिए ।
तंगदिली के बादल छाए हैं मुहब्बत के आसमान पर
उडा ले जाए जो वहमों-रस्मों को वो हवा चाहिए ।
खामोशियों का ओढकर नकाब बोलना सीख रहा हूँ
जो दिल को छू लेकर जाकर ऐसी कोई सदा चाहिए ।
माना कि बुरा हूँ मैं मगर मुहब्बत से खाली नहीं
यकीं दिला सकता हूँ बस मौका एक मरतबा चाहिए ।
कुछ नहीं मिलता दौलत- शौहरत के पीछे दौडकर
गर विर्क सकूं मिले दिल को तो और भला क्या चाहिए ।
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13 टिप्पणियां:
बहुत खूब................
लाजवाब शेर कहे हैं...
अनु
बहुत खूब,
मगर ये तो मुकम्मल गजल है!
सभी शेर बहुत बढ़िया हैं।
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ...
Awesome..
.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (23-06-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
वाह सब की सब बहुत ही सुंदर और दिल तक पहुंचने वाली हैं । बहुत ही प्रभावी
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए
बहुत खूब .... सुंदर गजल
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ।
bahut khoob
खामोशियों का ओढकर नकाब बोलना सीख रहा हूँ
जो दिल को छू लेकर जाकर ऐसी कोई सदा चाहिए ।
dil ko chu gaye alfaj
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ..
पथरीले रास्तों पे चलने की चाह हो तो रास्ता मिल जाता है ... लाजवाब शेर है ...
उम्दा शेर ...बहुत खूब
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ...
वाह ... बहुत खूब ।
लाजवाब शेर है बहुत खूब
सुंदर शायरी ...हर शेर लाजवाब ...
शुभकामनायें.
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