गुरुवार, अक्टूबर 16, 2014

तेरे पास आने के लिए

क्यों बहाना ढूँढता मुझको बुलाने के लिए 
मैं सदा तैयार, तेरे पास आने के लिए । 

देखना फिर गम-ख़ुशी कुछ फर्क डालेंगे नहीं 
चाहिए ज़िंदादिली बस, मुस्कराने के लिए । 
उम्र बीती पर मुहब्बत को समझ पाए नहीं 
मैं लिखा करता नहीं, उनको सुनाने के लिए । 

खुद सुधरना शर्त पहली, बाद की बातें सभी 
ठीक होगा जो करोगे फिर जमाने के लिए । 

सच बड़ा गहरा दबा है, साधना माँगे बहुत 
उम्र छोटी, ज़िंदगी का राज़ पाने के लिए । 

तू वफ़ा कर, इम्तिहां लेती रहेगी ज़िंदगी 
आ गए सब ' विर्क ' तुझको आजमाने के लिए । 

दिलबाग विर्क 
*****

3 टिप्‍पणियां:

Malhotra vimmi ने कहा…

खुद सुधरना शर्त पहली, बाद की बातें सभी

ठीक होगा जो करोगे फिर जमाने के लिए

भावपूर्ण पंक्तियां
आभार।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

अनुपम प्रस्तुति....आपको और समस्त ब्लॉगर मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं

Unknown ने कहा…

Lajawaab abhivyakti.... Dipawali ki hardik shubhkamnaayein aapko :)

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