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चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
सोमवार, अप्रैल 29, 2013
आसमान
दो घड़ी बरसा और बरसकर खुल गया
आसमान
ऐ दिल तू भी सीख ले हुनर यूँ हल्का होने का ।
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