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चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
मंगलवार, मई 14, 2013
शम्अ का हुनर
परवानों को भी खबर है, यहाँ जिंदगी नहीं मिलती
ये तो
शम्अ का हुनर
कि वे जलने चले आते हैं ।
********
1 टिप्पणी:
Neeraj Neer
ने कहा…
वाकई, ये तो शमा का हूनर है कि परवाने जलने चले आते हैं..
मई 17, 2013 7:23 pm
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1 टिप्पणी:
वाकई, ये तो शमा का हूनर है कि परवाने जलने चले आते हैं..
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