बुधवार, मार्च 22, 2017

प्रपंच

राजनीति पर्याय है प्रपंचों का
लेकिन राजनैतिक प्रपंच
निंदनीय नहीं
श्लाघनीय होते हैं
क्योंकि वे रचे जाते हैं
धर्म 
जातिय अभिमान
और राष्ट्रीय गौरव की आड़ में

यकीन न हो तो 
पलट लेना इतिहास के पन्ने
पढ़ लेना 
किसी भी कूटनितिज्ञ का जीवन चरित्र ।

दिलबागसिंह विर्क 
*****

बुधवार, मार्च 08, 2017

लड़कियाँ चिड़ियाँ नहीं होती

परों का 
कोई संबंध नहीं होता
उड़ान के साथ
उड़ान तो भरी जाती है
हौसले के दम पर

पर तो कुतर देती है दुनिया
घर बन जाते हैं पिंजरा
दरिंदे भी फैलाए रखते हैं जाल
मगर हौसले के दम पर
नभ छू ही लेती हैं लड़कियाँ
क्योंकि लड़कियाँ चिड़ियाँ नहीं होती
लड़कियाँ तो होती है लड़कियाँ ।

दिलबागसिंह विर्क

बुधवार, मार्च 01, 2017

बिटिया घर की शान

बाँहे फैलाए तुझे , बिटिया रही पुकार
तुम जालिम बनना नहीं , मांगे बस ये प्यार  |

निश्छल , मोहक , पाक है , बेटी की मुस्कान 
भूलें हमको गम सभी , जाएँ जीत जहान |

क्यों मारो तुम गर्भ में , बिटिया घर की शान 
ये चिड़िया-सी चहककर , करती दूर थकान | 

बिटिया कोहेनूर है , फैला रही प्रकाश 
धरती है जन्नत बनी , पुलकित है आकाश |

तुम बेटी के जन्म पर , होना नहीं उदास 
गले मिले जब दौडकर , मिट जाते सब त्रास |

    दिलबाग विर्क  
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