काफिला हो न हो तुम्हें चलना होगा
रौशनी के लिए मोम-सा पिघलना होगा ।
यह जुबां क्या बयाँ करेगी हाले-दिल
इस दर्द को खुद जुबां बनना होगा ।
तुम हौंसला न हारो , एक दिन वक्त को
ख़ुद तुम्हारे सांचों में ढलना होगा ।
बस शर्त यही है , चेहरा खिला रहे
चमन में गुंचों को तो खिलना होगा ।
अँधेरा हो न जाए हावी , इसके लिए
चिरागों को रात भर जलना होगा ।
थकान का बहाना न बनाओ ' विर्क '
मंज़िल पाने के लिए बस चलना होगा ।
दिलबाग विर्क
* * * * *
9 टिप्पणियां:
तुम हौंसला न हारो , एक दिन वक्त को
खुद तुम्हारे सांचों में ढलना होगा ।
बहुत खूब ..सुन्दर सन्देश देती अच्छी रचना
थकान का बहाना न बनाओ ' विर्क '
मंजिल पाने के लिए बस चलना होगा ।
बहुत खूब !!
'अन्धेरा हो जाए न हाबी
दीपकों को रात भर जलना होगा '
दिल छूती पंक्तियाँ |
बहुत सुन्दर |
दीपावली के लिए अग्रिम बधाई |
आशा
तुम हौंसला न हारो , एक दिन वक्त को
खुद तुम्हारे सांचों में ढलना होगा ।
bahut sundar rachna.mere blog par aapka swagat hai
चलना होगा !
बहुत अच्छी रचना!
प्रेरणादायक !
मंजिल पाने के लिए बस चलना होगा ।
बहुत खूब
चलना ही होगा....
बहुत सुन्दर अशआर....
सादर बधाई...
तुम हौंसला न हारो , एक दिन वक्त को
खुद तुम्हारे सांचों में ढलना होगा ।
क्या बात है विर्क जी...मंजिल पाने के लिए बस चलना होगा । ......बहुत सुन्दर...!
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें.
प्रकाश पर्व( दीपावली ) की आप तथा आप के परिजनों को मंगल कामनाएं.
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
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