बुधवार, सितंबर 16, 2020

मुहब्बत के ज़ख़्मों का, पूछो न हिसाब मुझसे

 
मुहब्बत के ज़ख़्मों का, पूछो न हिसाब मुझसे

रुक न पाएगा, फिर यादों का सैलाब मुझसे ।


पहले छीना था हमसे, प्यार जिस ज़ालिम ने

वो सितमगर, अब छीन रहा है शराब मुझसे ।


नक़ाबपोशी है बुरी, मानता हूँ मैं इसे, मगर

उतारा न गया, ख़ामोशियों का नक़ाब मुझसे ।


जिस दिन हुआ, फ़ैसला मेरी क़िस्मत का

उस दिन पूछे थे उसने, सवाल बेहिसाब मुझसे 


बेवफ़ा हूँ मैं, ये सारी दुनिया कहती है

दिया न गया, कोई मुनासिब जवाब मुझसे ।


अँधेरे को समझना होगा नसीब अपना 

नाराज़ है 'विर्क', प्यार का आफ़ताब मुझसे ।


दिलबागसिंह विर्क 



27 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

ओह ! कैसी बेबसी

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह

Sweta sinha ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १८ सितंबर २०२० के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

वाहः -- अद्धभुत लेखन

Subodh Sinha ने कहा…

पहले छीना था हमसे, प्यार जिस ज़ालिम ने
वो सितमगर, अब छीन रहा है शराब मुझसे । - बिहारियों की दुखती रग पर हाथ रख दी आपने {बिहार में शराबबंदी है :)}.

नक़ाबपोशी है बुरी, मानता हूँ मैं इसे, मगर
उतारा न गया, ख़ामोशियों का नक़ाब मुझसे ।- आज तो नक़ाबपोशी भी अच्छी बन गयी है, मास्क बन के :).. शायद ...

Amrita Tanmay ने कहा…

उम्दा !

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…

नक़ाबपोशी है बुरी, मानता हूँ मैं इसे, मगर

उतारा न गया, ख़ामोशियों का नक़ाब मुझसे । नमन सह।

अनीता सैनी ने कहा…

वाह !बेहतरीन सर

Sudha Devrani ने कहा…

वाह!!!
लाजवाब...।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

वाह !!!
उम्दा ग़ज़ल ...

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

कैसी विवशता है!

Prakash Sah ने कहा…

बहुत बढ़िया

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत खूब

मन की वीणा ने कहा…

उम्दा और बेहद लाजवाब।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

लाजबाब।

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

वाह बहुत सुंदर।

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…

प्रभावशाली लेखन - - नमन सह।

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

शानदार ग़ज़ल

सधु चन्द्र ने कहा…

वाह!!!!!!
क्या बात!
सुन्दर।

सादर।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत सुंदर।

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (०९-०३-२०२१) को 'मील का पत्थर ' (चर्चा अंक- ४,००० ) पर भी होगी।

आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी

मन की वीणा ने कहा…

शानदार सृजन उत्तम भाव।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

कल रथ यात्रा के दिन " पाँच लिंकों का आनंद " ब्लॉग का जन्मदिन है । आपसे अनुरोध है कि इस उत्सव में शामिल हो कृतार्थ करें ।

आपकी लिखी कोई रचना सोमवार 12 जुलाई 2021 को साझा की गई है ,
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।

Sourabh patil ने कहा…

Nice sahitya surabhi

जगण्या मरण्यातील अंतर
त्याच्या तिच्यातलं मध्यांतर
ध्येय वाटेलतला विसावा..
उमलून येणारा उसासा
पहाटवेळेच सुंदर रहस्य
कातरवेळी फुलणारं हास्य
अद्वैताच्या वाटेचा शोध
अनुभवानंतर होणारा बोध
पावसानंतरचा रंगीन इंद्रधनुष्य
कधी गुरु तर कधी निरागस शिष्य
कधी अनाहत् होणारा एक भास
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Bijender Gemini ने कहा…

बहुत सुन्दर ।

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