रविवार, अगस्त 26, 2012

स्वार्थी दुनिया ( हाइकु )

दिखावा बढ़ा 
धार्मिकता गायब
ये किस धर्म ?
तोड़ लेती है
टहनियों से फूल 
स्वार्थी दुनिया ।
गांधारी होना 
महानता कम है
 मूर्खता ज्यादा ।

*******

5 टिप्‍पणियां:

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह ...सटीक हाइकु

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर !

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत सुंदर ...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... सटीक अर्थ लिए सभी हाइकू ...

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

गांधारी होना
महानता कम है
मूर्खता ज्यादा ।
बहुत सुंदर हाइकू :

अब तो ये फैशन
सा हो गया है
यहाँ हर कोई
गाँधारी हो गया है !

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