दोस्तो ! मेरा कविता-संग्रह " महाभारत जारी है " अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद से प्रकाशित होकर बाज़ार में उपलब्ध हो गया है । अगर आप इसे पढ़ना चाहे तों निम्न स्थानों से ऑनलाइन खरीद सकते हैं -
- Redgrab
- eBay
- Amazone
आपकी प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा
धन्यवाद
***********
7 टिप्पणियां:
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
bahut bahut badhai
आधुनिकता, वर्तमान समय और उसका बोध संवेदनशील मन व मस्तिष्क पर जो प्रतिक्रया छोड़ता है उसकी काव्य परिणति है 'महाभारत जारी है'. संग्रह की पहली ही कविता 'हौआ' हमारे समय की राजनीति, धर्म व समाज व समाज में मीडिया के असर की पड़ताल करती हैं. यह प्रक्रिया आगे की कविताओं में गहराती जाती है. कवि का अपना ही दृष्टिकोण है. हाँ क्षमा प्रार्थना के साथ कहना चाहता हूँ कि 'वक्त' व 'दोषी हम भी हैं' कविताओं में कवि की संवेदना व कथ्य उतना निखर कर सामने नहीं आ पाया है.शिल्प की दृष्टि से संग्रह मुक्त छंद में लिखा गया है. जो आज की कविता रचना के लिए उपयुक्त है. जहाँ अभिव्यक्ति के लिए खुला आकाश मिलता है. बिम्ब व प्रतीकों का सम्यक प्रयोग कथ्य के प्रभाव को बढाता व धार को पैना करता है.
वाह! हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!!
बधाई और शुभकामनाएं
बहुत बहुत बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं 🌺🙏🌺
शुभकामनाएं सर
एक टिप्पणी भेजें