नए साल में यारो कुछ तो नया करो
फिजा सुधरे इस देश की, तुम दुआ करो |
बड़ी खूबसूरत लगेगी ये जिंदगी
मुहब्बत को समझो, वफ़ाएँ किया करो |
सिखाती सदा ठोकरें चलने का हुनर
गिरो जब कभी, हौंसले से उठा करो |
न बोलो कभी झूठ, ये जीतता नहीं
हो मुश्किल भले, राह सच की चला करो |
करे जो, भरे वो, यही तो नियम सदा
यही सोच हो ' विर्क ' , बस ख़ुद वफ़ा करो |
दिलबागसिंह विर्क
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3 टिप्पणियां:
अशेष शुभकामनायें
इसे मैं ले गई ढूंढ़ सकें तो
सस्नेहाशीष
बेहतरीन रचना और उम्दा प्रस्तुति....आपको सपरिवार नववर्ष की शुभकामनाएं...HAPPY NEW YEAR 2016...
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बहुत सुन्दर एवं प्रेरक रचना ....
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