दोस्त बनाकर देखो , दुश्मनी में रखा क्या है
खुदा का है हर आदमी , हर आदमी खुदा है ।
खुदा का है हर आदमी , हर आदमी खुदा है ।
जमाने की निगाहों से न देखो तुम जिन्दगी को
ये सब गम लगें हैं ख़ुशी उसे जो बा - वफा है ।
यहाँ भी हो दिलों की कद्र वहीं सजदा कर दो
तुम्हें क्या लेना कि वो का'बा है या मैकदा है ।
कान सुनेंगे कैसे , दरवाजे की दस्तक नहीं
दिल से सुनो इसे , ये मुहब्बत दिल की सदा है ।
मतलबी दुनिया ने बनाए हैं बाकी सब नियम
प्यार , वफा बस यही इंसानियत का कायदा है ।
दिलबाग विर्क
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सदा --- आवाज़
फलसफा --- फिलासफी , दर्शन
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