इबादत करना चाहता हूँ , मुझे कोई खुदा चाहिए
लुटा सकूं जिस पर अपनी वफा, ऐसा बा-वफा चाहिए ।
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ।
हंसने का हुनर हावी होगा हर ला-इलाज मर्ज पर
वो आजमाए इसे , जिसे दर्दे-जिगर की दवा चाहिए ।
तंगदिली के बादल छाए हैं मुहब्बत के आसमान पर
उडा ले जाए जो वहमों-रस्मों को वो हवा चाहिए ।
खामोशियों का ओढकर नकाब बोलना सीख रहा हूँ
जो दिल को छू लेकर जाकर ऐसी कोई सदा चाहिए ।
माना कि बुरा हूँ मैं मगर मुहब्बत से खाली नहीं
यकीं दिला सकता हूँ बस मौका एक मरतबा चाहिए ।
कुछ नहीं मिलता दौलत- शौहरत के पीछे दौडकर
गर विर्क सकूं मिले दिल को तो और भला क्या चाहिए ।
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लुटा सकूं जिस पर अपनी वफा, ऐसा बा-वफा चाहिए ।
ता उम्र चलने की तमन्ना है और चलने के लिए
कंटीला-पथरीला जैसा भी हो बस रास्ता चाहिए ।
हंसने का हुनर हावी होगा हर ला-इलाज मर्ज पर
वो आजमाए इसे , जिसे दर्दे-जिगर की दवा चाहिए ।
तंगदिली के बादल छाए हैं मुहब्बत के आसमान पर
उडा ले जाए जो वहमों-रस्मों को वो हवा चाहिए ।
खामोशियों का ओढकर नकाब बोलना सीख रहा हूँ
जो दिल को छू लेकर जाकर ऐसी कोई सदा चाहिए ।
माना कि बुरा हूँ मैं मगर मुहब्बत से खाली नहीं
यकीं दिला सकता हूँ बस मौका एक मरतबा चाहिए ।
कुछ नहीं मिलता दौलत- शौहरत के पीछे दौडकर
गर विर्क सकूं मिले दिल को तो और भला क्या चाहिए ।
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