मंगलवार, जुलाई 10, 2012

रखो शिष्टता ( हाइकु )

भाषा जोडती 
लोगों को आपस में 
तोडती नहीं ।

रखो शिष्टता 
चाहे समर्थन हो 
चाहे विरोध ।

सच के लिए 
नहीं बोलोगे तुम 
पछताओगे ।

**************

13 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह ... सटीक सीख देती सुंदर हाइकु

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Khoobsoort haikoo...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अच्छी सीश देते सुन्दर हाइकू!

Unknown ने कहा…

very good Dilbag Singh ji....... great going..... keep up the good work..... Neeraj

amrendra "amar" ने कहा…

behtreen hayku keliye badhai

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

वाह...
सार्थक हाइकू

सादर
अनु

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल " ने कहा…

बहुत -सुन्दर हार्दिक बधाई ...

Asha Lata Saxena ने कहा…

अच्छी बाते बहुत संक्षेप में अच्छी लगीं |
आशा

कुमार राधारमण ने कहा…

ये जो हिंदी है
रहो सावधान,कि
ये बनी रहे!

BS Pabla ने कहा…

सटीक सीख

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह ....उम्दा ..

शिवनाथ कुमार ने कहा…

सीख देती सुंदर रचना ..!!
साभार !!

Anupama Tripathi ने कहा…

बहुत सुंदर सार्थक प्रयास ....!!
शुभकामनायें.

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