दर्द देगी यहाँ साफगोई सदा
सीख लो बात को तुम घुमाना जरा |
तुम गलत मानते, ये बात और है
जो लगा ठीक मुझको वही तो कहा |
है वहीं, ढूँढना आदमी में उसे
आदमी से जुदा कब हुआ है खुदा |
चाहिए उम्र इसको, न आसान ये
एक दिन में नहीं पनपता फलसफा |
खूबसूरत बनेगा इसी से जहां
' विर्क ' फैले मुहब्बत करो ये दुआ |
दिलबाग विर्क
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सीख लो बात को तुम घुमाना जरा |
तुम गलत मानते, ये बात और है
जो लगा ठीक मुझको वही तो कहा |
है वहीं, ढूँढना आदमी में उसे
आदमी से जुदा कब हुआ है खुदा |
चाहिए उम्र इसको, न आसान ये
एक दिन में नहीं पनपता फलसफा |
खूबसूरत बनेगा इसी से जहां
' विर्क ' फैले मुहब्बत करो ये दुआ |
दिलबाग विर्क
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1 टिप्पणी:
बेहतरीन.....एक उम्दा प्रस्तुति
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