गुरुवार, दिसंबर 31, 2015

कुछ तो नया करो

नए साल में यारो कुछ तो नया करो 
फिजा सुधरे इस देश की, तुम दुआ करो | 

बड़ी खूबसूरत लगेगी ये जिंदगी 
मुहब्बत को समझो, वफ़ाएँ किया करो | 

सिखाती सदा ठोकरें चलने का हुनर 
गिरो जब कभी, हौंसले से उठा करो | 

न बोलो कभी झूठ, ये जीतता नहीं 
हो मुश्किल भले, राह सच की चला करो | 

करे जो, भरे वो, यही तो नियम सदा 
यही सोच हो ' विर्क ' , बस ख़ुद वफ़ा करो | 

दिलबागसिंह विर्क 
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3 टिप्‍पणियां:

  1. अशेष शुभकामनायें
    इसे मैं ले गई ढूंढ़ सकें तो
    सस्नेहाशीष

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  2. बेहतरीन रचना और उम्दा प्रस्तुति....आपको सपरिवार नववर्ष की शुभकामनाएं...HAPPY NEW YEAR 2016...
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    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर एवं प्रेरक रचना ....

    जवाब देंहटाएं

यहाँ तक पहुंचने के लिए आभार | आपके शब्द मेरे लिए बहुमूल्य हैं | - दिलबाग विर्क