दोस्त बनाकर देखो , दुश्मनी में रखा क्या है
खुदा का है हर आदमी , हर आदमी खुदा है ।
खुदा का है हर आदमी , हर आदमी खुदा है ।
जमाने की निगाहों से न देखो तुम जिन्दगी को
ये सब गम लगें हैं ख़ुशी उसे जो बा - वफा है ।
यहाँ भी हो दिलों की कद्र वहीं सजदा कर दो
तुम्हें क्या लेना कि वो का'बा है या मैकदा है ।
कान सुनेंगे कैसे , दरवाजे की दस्तक नहीं
दिल से सुनो इसे , ये मुहब्बत दिल की सदा है ।
मतलबी दुनिया ने बनाए हैं बाकी सब नियम
प्यार , वफा बस यही इंसानियत का कायदा है ।
दिलबाग विर्क
* * * * *
सदा --- आवाज़
फलसफा --- फिलासफी , दर्शन
* * * * *
9 टिप्पणियां:
aapka jindagi aur uske falsafe ka batane ka najariya pyara laga..:)
.
Dilbag ji ,
Its indeed a lovely creation with a very beautiful message in it .
.
यहाँ भी हो दिलों की कद्र वहीं सजदा कर दो
तुम्हें क्या लेना कि वो का'बा है या मैकदा है .
सच कहा अगर आदमी इस बात को समझ ले तो सब झंझट समाप्त हो जायें। सार्थक सन्देश देती रचना के लिये बधाई।
दोस्त बनाकर देखो , दुश्मनी में रखा क्या है
खुदा का है हर आदमी , हर आदमी खुदा है
ਜਿਸ ਦਿਨ ਏਸ ਗੱਲ ਦੀ ਸਮਝ ਪੈ ਜਾਵੇਗੀ ਓਸ ਦਿਨ ਸਵਰਗ ਲੱਭਣ ਦੀ ਲੋੜ ਮੁੱਕ ਜਾਵੇਗੀ ਕਿਓਂ ਜੋ ਇਹ ਧਰਤੀ ਹੀ ਸਵਰਗ ਬਣ ਜਾਵੇਗੀ {
हो सके तो ' विर्क ' दुश्मनों को भी गले लगाना
यही जिन्दगी है , यही जिन्दगी का फलसफा है
बहुत प्यारी बात कही है आपने.
हो सके तो ' विर्क ' दुश्मनों को भी गले लगाना
यही जिन्दगी है , यही जिन्दगी का फलसफा है ....
बहुत खूब....बहुत ही उम्दा फलसफा है ....
सार्थक रचना....बधाई...
कान सुनेंगे कैसे , दरवाजे की दस्तक नहीं
दिल से सुनो इसे , ये मुहब्बत दिल की सदा है .....
वाह बहुत खूब
कान सुनेंगे कैसे , दरवाजे की दस्तक नहीं
दिल से सुनो इसे , ये मुहब्बत दिल की सदा है ....
वाह बहुत खूब
बेहतरीन प्रस्तुति...हरेक शेर जीवन दर्शन से आपूरित..बहुत खूब!
एक टिप्पणी भेजें