खुदा की यही एक खूबसूरत निशानी होती है
मुहब्बत के बिना जिन्दगी बे'मानी होती है ।
लोग बेवफा भी हो जाते हैं सफरे-प्यार में
मगर किसी-न-किसी को तो वफा निभानी होती है ।
हसीन नजारों से हो नहीं पाती मुलाकात यहाँ
कभी गुलशन में, कभी आँखों में वीरानी होती है ।
इस जिन्दगी की राहें आसां नहीं होती दोस्तो
हर मोड़ पर रू-ब-रू नई परेशानी होती है ।
ये और बात है , हम अक्सर भूल जाते हैं इसे
अपनी गलतियों की कीमत तो चुकानी होती है ।
कोई-न-कोई हुनर तो होना ही चाहिए विर्क
कब यूं ही ये दुनिया किसी की दीवानी होती है ।
* * * * *
8 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर..
कोई-न-कोई हुनर तो होना ही चाहिए विर्क
कब यूं ही ये दुनिया किसी की दीवानी होती है ।
लाजवाब शेर, दिलबाग जी...
सादर.
दिलबाग जी मेरे पास शब्द ही नहीं हैं तारीफ़ के लिए ...
अच्छी रचना के लिए बधाई
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है...
आभार :)
इस जिन्दगी की राहें आसां नहीं होती दोस्तो
हर मोड़ पर रू-ब-रू नई परेशानी होती है...
दिलबाग जी, आपक़े नाम से तो रु-बा-रु था...पर आपक ब्लॉग पर आना आज ही हुआ...सभी शेर सटीक लगे...बधाइयाँ...
कोई-न-कोई हुनर तो होना ही चाहिए विर्क
कब यूं ही ये दुनिया किसी की दीवानी होती है ..
Great couplet...
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लोग बेवफा भी हो जाते हैं सफरे-प्यार में
मगर किसी-न-किसी को तो वफा निभानी होती है ।
वाह बहुत खूब
अंत से पहले अपनी शुरुआत पर विश्वास रखना ही होगा ......
खुदा की यही एक खूबसूरत निशानी होती है
मुहब्बत के बिना जिन्दगी बे'मानी होती है ।
वाह!!!!!!दिलबाग जी,बहुत खूब सुंदर रचना,....
पहली बार पोस्ट पर आना सार्थक रहा,..आपका फालोवर बन गया हूँ आप भी बने,
ताकि पोस्ट पर आने जाने शीघ्रता सुगमता बनी रहेगी,..
NEW POST ...काव्यान्जलि ...होली में...
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