सोमवार, फ़रवरी 13, 2012

मुझे तुमसे प्यार है ( कविता )

प्यार
भावना था कभी 
आजकल भाषण है ।
क्योंकि
सुबह के वक्त 
दोपहर के वक्त
शाम के वक्त
घर से निकलते वक्त 
घर आते वक्त
फोन पर बतियाते वक्त
बार-बार दोहराया जाता है
एक जुमला
मुझे तुमसे प्यार है ।

भले ही 
पति-पत्नी दोनों का मुंह 
रहता हो विपरीत दिशाओं में
भले ही 
एक-दूसरे की अवमानना 
आम बात हो 
भले ही 
घर से बाहर जाते ही 
कोई और भी लगता हो 
दिल को प्यारा
फिर भी 
एक-दूसरे को
अंधेरे में रखने के लिए 
अक्सर दोहराया जाता है 
यह जुमला
मुझे तुमसे प्यार है ।

यह जुमला 
बेहद जरूरी है
क्योंकि अब
प्यार भावना नहीं
महज एक भाषण है ।
प्यार एहसास नहीं
महज एक दिखावा है ।
प्यार आजकल 
एक ओवरकोट है
जो कभी भी उतारा जा सकता है
जो कभी भी पहना जा सकता है
कभी भी 
किसी को भी
कहा जा सकता है
मुझे तुमसे प्यार है ।
मुझे तुमसे प्यार है ।

* * * * *

10 टिप्‍पणियां:

vidya ने कहा…

excellent...

बेहतरीन रचना...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत बढ़िया सर!

News And Insights ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति, धन्यवाद

Archana Chaoji ने कहा…

बिलकुल सच ......

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सटीक .... आज कल लोग दिखावे में ही विश्वास करते हैं ... अच्छी प्रस्तुति

Amrita Tanmay ने कहा…

खुबसूरत रचना

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

जी हा कुछ लोग है जिनके लिए प्यार दिखावा है
बेहतरीन रचना....

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह ..बहुत खूब ...सटीक लिखा हैं आपने

***Punam*** ने कहा…

"प्यार आजकल
एक ओवरकोट है
जो कभी भी उतारा जा सकता है
जो कभी भी पहना जा सकता है"

और फिर भी कहा जाता है कि मुझे तुमसे प्यार है........

Kailash Sharma ने कहा…

बिलकुल सच...

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