रविवार, जून 10, 2012

बांसुरी हम ( हाइकु )

विकल्प कहाँ 
जनता के सामने 
राजनीति में ।
बांसुरी हम 
गूँज रहा है नाद 
कोई अज्ञात ।
पालतू नहीं 
दहशतगर्द तो 
जंगली कुत्ते ।
खुद को छोड़ 
जीए औरों के लिए 
वही जीवन ।

***************

10 टिप्‍पणियां:

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह खूबसूरत हाइकु

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सभी हाइकू बहुत बढ़िया हैं!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह .... सभी हाइकू बढ़िया

हिन्दी हाइगा ने कहा…

अर्थपूर्ण हाइकु !

amrendra "amar" ने कहा…

Sabhi hyku behtreen

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (12-062012) को चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत खूबसूरत और अर्थपूर्ण हाइकु....आभार..

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहूत हि बढीया हाईकू

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

खूबसूरत हाइकु.

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

जीवन दर्शन से परिपूर्ण सुंदर हाइकु !

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...