शुक्रवार, अगस्त 03, 2012

कैसी आजादी ? ( हाइकु )

इस युग में 
बढती नफरत
घटता प्यार ।

न गम स्थायी  
न ख़ुशी ही है स्थायी 
सब नश्वर  ।

चंद मिसालें 
क्या हो गई इससे 
नारी स्वतंत्र ।

आज भी वही 
लाठी वाले की भैंस 
कैसी आजादी ?

*********

6 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

प्रगति कहाँ
गिर रहे हैं हम
रसातल में

सुन्दर हायेकु...
अनु

Rajesh Kumari ने कहा…

बहुत सुन्दर विचारणीय हाइकु कैसी आजादी

Suresh kumar ने कहा…

Waah bahut sundar .....

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर ....

संजय भास्‍कर ने कहा…

कैसी आजादी

Unknown ने कहा…

बहुत सुंदर ...

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