रविवार, अगस्त 12, 2012

प्यार ( कविता )

तुझे पा लूं 
बाँहों में भरकर चूम लूं 
है यह तो वासना ।

प्यार कब चाहे 
कुछ पाना 
कुछ चाहना ।

जब तक तडप है 
प्यार जिन्दा है 
जब पा लिया 
प्यार मुरझा गया
 वासना में डूबकर ।

कुछ पाने की 
फ़िक्र क्यों है 
तडप का मजा लो 
यही तडप तो नाम है
प्यार का ।

दिलबाग विर्क 
************

10 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर!!!!

सादर
अनु

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह बहुत खूबसूरत हैं ये तड़प प्यार की

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

कुछ पाने की
फ़िक्र क्यों है
तडप का मजा लो
यही तडप तो नाम है
प्यार का ।

वाह बहुत सुंदर बात ...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सटीक है सभी हाइकू!

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों....बेहतरीन भाव....खूबसूरत हाइकू!

Rajesh Kumari ने कहा…

प्यार पाने की तड़प का मजा लो ...बहुत खूब.... वैसे जो प्यार आसानी से मिल जाए उसका उतना मजा भी नहीं उसकी इतने वेल्यु भी नहीं होती सुन्दर प्रस्तुति

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

अच्छा है बहुत लिखा
अरे पर क्यों तड़पते हो
थोड़ा सा ही सही
क्यों नहीं दे के जाते हो ?

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत सुन्दर...
:-)

Shalini kaushik ने कहा…

बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ . मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब संवैधानिक मर्यादा का पालन करें कैग

Kailash Sharma ने कहा…

तडप का मजा लो
यही तडप तो नाम है
प्यार का ।
...सच में यही प्यार है..बहुत सुन्दर...

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