प्यार ( कविता )
बाँहों में भरकर चूम लूं
है यह तो वासना ।
प्यार कब चाहे
कुछ पाना
कुछ चाहना ।
जब तक तडप है
प्यार जिन्दा है
जब पा लिया
प्यार मुरझा गया
वासना में डूबकर ।
कुछ पाने की
फ़िक्र क्यों है
तडप का मजा लो
यही तडप तो नाम है
प्यार का ।
दिलबाग विर्क
************
10 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर!!!!
सादर
अनु
वाह बहुत खूबसूरत हैं ये तड़प प्यार की
कुछ पाने की
फ़िक्र क्यों है
तडप का मजा लो
यही तडप तो नाम है
प्यार का ।
वाह बहुत सुंदर बात ...
बहुत सटीक है सभी हाइकू!
बहुत ही सुन्दर शब्दों....बेहतरीन भाव....खूबसूरत हाइकू!
प्यार पाने की तड़प का मजा लो ...बहुत खूब.... वैसे जो प्यार आसानी से मिल जाए उसका उतना मजा भी नहीं उसकी इतने वेल्यु भी नहीं होती सुन्दर प्रस्तुति
अच्छा है बहुत लिखा
अरे पर क्यों तड़पते हो
थोड़ा सा ही सही
क्यों नहीं दे के जाते हो ?
बहुत सुन्दर...
:-)
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ . मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब संवैधानिक मर्यादा का पालन करें कैग
तडप का मजा लो
यही तडप तो नाम है
प्यार का ।
...सच में यही प्यार है..बहुत सुन्दर...
एक टिप्पणी भेजें