शनिवार, सितंबर 29, 2012

बेवफाई ( हाइकु )

बेटा चाहिए 
बेटी का है आज भी 
दर्जा दोयम ।
बस्तों का बोझ 
ढो रहा बचपन 
ये कैसी शिक्षा ?
बेवफाई तो 
आदत आदमी की 
हर क्षेत्र में ।
झूठा प्रचार 
होता है चुनावों में 
सबके द्वारा ।

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शुक्रवार, सितंबर 14, 2012

हिंदी की पुकार ( कविता )

मैं हिंदी हूँ 
हिन्दुस्तान की बेटी हूँ 
न देखो मुझे 
किसी जाति से जोड़कर 
किसी सम्प्रदाय से जोड़कर 
किसी क्षेत्र से जोड़कर 
कश्मीर से कन्याकुमारी तक 
चाहती हूँ प्यार सबका 
बांटती हूँ प्यार सबको 
पिरोती हूँ एक सूत्र में 
पंजाबी, मराठी, गुजराती, बंगाली 
सभी भाषाएँ हैं भगिनी मेरी 
चल सकती हूँ मैं साथ सबके
ओ हिंद वासियों 
सुनो पुकार मेरी  
न करो विरोध मेरा 
किसी भाषा को लेकर 
छोडो संकीर्णता 
तोड़ो भाषाई बंधन 
जुडो़ मुझसे 
मुझसे जुड़कर जुडो़गे तुम 
इस देश से 
खुद से 
मैं हिंदी हूँ 
हिन्दुस्तान की बेटी हूँ ।

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रविवार, सितंबर 09, 2012

अगजल - 45

          प्यार प्यार न रहेगा, सनम छूट जाएगा 
          ' मैं ' को पकड़ोगे तो ' हम ' छूट जाएगा ।

          अगर यूं ही बढ़ते गए दिलों के फासले 
          तो एक दिन देखना, तकुल्लम छूट जाएगा ।

          जिन्दा रहना सजा होगा, अगर हाथ से 
          इंसानियत का परचम  छूट जाएगा ।

          ये रास्ते हैं इनकी अहमियत कुछ नहीं 
          खुदा मिला तो दैरो-हरम छूट जाएगा ।

          न तंगदिल बनो लोगो, इस तंगदिली से 
          प्यार का, खुशियों का मौसम छूट जाएगा ।

          ख़ुशी के पीछे दौड़ना छोड़ दो विर्क 
          फिर देखना, पीछे हर गम छूट जाएगा ।

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तकुल्लम  ---- वार्तालाप 
दैरो - हरम ---- काबा और बुतखाना  

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मंगलवार, सितंबर 04, 2012

रख लो पद का मान

गुरु में गुरुता है नहीं , खोया है सम्मान 
शक की सूई घूमती , अब ना रहा महान ।
अब ना रहा महान , समाज बना है दुश्मन 
दिखते सबको दोष , उठाता उँगली हर जन ।
खुद में करो सुधार , प्रयास आज से हों शुरू 
रख लो पद का मान, दिखाओ तुम बनकर गुरु ।

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