शुक्रवार, मार्च 08, 2013

सम्मान स्त्रीत्व का ( चोका )

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ - 
होती गोष्ठियाँ
दिए जाते भाषण
हालात वही
लुटती महिलाएँ
सरे-बाजार
महिलाओं के दिन ।
बदलो सोच
बदल दो हालात
न कहो देवी
न अबला ही मानो
समझो तुम
औरत को औरत ।
मिटाओ भेद
अपनाओ समता
सिर्फ समता 
है सम्मान स्त्रीत्व का
बिना इसके
अधूरे आयोजन
न अर्थ कोई
महिला दिवस का ।
छोड़ो दिखावा
हों प्रयास सार्थक
यही फर्ज़ सबका ।

******

13 टिप्‍पणियां:

Neeraj Neer ने कहा…

achha likha hai.
sadar
neeraj 'neer'
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा)

nayee dunia ने कहा…

बहुत सुंदर और सही बात की आपने .....

ZEAL ने कहा…

Great lines...very impressive !

ZEAL ने कहा…

Thanks.

Archana Chaoji ने कहा…

सौ टका सही बात ...

संध्या आर्य ने कहा…

sundar bhaw !

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

सही लिखा...सिर्फ आयोजनों से कुछ नहीं होता...कुछ सार्थक प्रयास जरूरी है|

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

कथनी और करनी के अंतर को मिटाना होगा...
बहुत बढ़िया...

Vandana Ramasingh ने कहा…

साथक रचना

Guzarish ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Guzarish ने कहा…

बिलकुल सही कहा विर्क sir
नारी को सम्मान दो ,समझो दुर्गा रूप
माता का अवतार वो ,वो है शक्ति स्वरूप

vandana gupta ने कहा…

बिल्कुल सही कहा काश ये सब समझ सकें।

रविकर ने कहा…

बढ़िया है आदरणीय-

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