मीठी हिंदी जुबान हूँ मैं
हिन्द देश की शान हूँ मैं ।
न भागो औरों के पीछे
तुम्हारी पहचान हूँ मैं ।
संस्कृत की बेटी हूँ भले
उर्दू से कब अनजान हूँ मैं ।
तुमसे मिलता है मान मुझे
दिलाती तुम्हें मान हूँ मैं ।
देशी-विदेशी सबको समाया
बनी शब्दों की खान हूँ मैं ।
फैलें सभी भाषाएँ मगर
देश की धड़कन, जान हूँ मैं ।
मीठी हिंदी जुबान हूँ मैं
हिन्द देश की शान हूँ मैं ।
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