सादर नमस्कार , आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(18-7-21) को "प्रीत की होती सजा कुछ और है" (चर्चा अंक- 4129) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी। -- कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर सृजन
अत्यंत सुन्दर सृजन ।
यादें सुहानी हों तो ग़म भी अज़ीज़ है । खूबसूरत ग़ज़ल
वाश बहुत ही खूब ।
वो जलाकर दिल मेरा मुझको कहानी दे गया।वाह!!!लाजवाब गजल।
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल
बेहद खूबसूरत ग़ज़ल।हर बंध बेहतरीन है।सादर।
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8 टिप्पणियां:
सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(18-7-21) को "प्रीत की होती सजा कुछ और है" (चर्चा अंक- 4129) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
--
कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर सृजन
अत्यंत सुन्दर सृजन ।
यादें सुहानी हों तो ग़म भी अज़ीज़ है ।
खूबसूरत ग़ज़ल
वाश बहुत ही खूब ।
वो जलाकर दिल मेरा मुझको कहानी दे गया।
वाह!!!
लाजवाब गजल।
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल
बेहद खूबसूरत ग़ज़ल।
हर बंध बेहतरीन है।
सादर।
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