रविवार, जनवरी 26, 2014

तड़पता दिल


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8 टिप्‍पणियां:

Kamini Sinha ने कहा…

सादर नमस्कार ,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(18-7-21) को "प्रीत की होती सजा कुछ और है" (चर्चा अंक- 4129) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर सृजन

Meena Bhardwaj ने कहा…

अत्यंत सुन्दर सृजन ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

यादें सुहानी हों तो ग़म भी अज़ीज़ है ।

खूबसूरत ग़ज़ल

Harash Mahajan ने कहा…

वाश बहुत ही खूब ।

Sudha Devrani ने कहा…

वो जलाकर दिल मेरा मुझको कहानी दे गया।
वाह!!!
लाजवाब गजल।

Bharti Das ने कहा…

बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल

Sweta sinha ने कहा…

बेहद खूबसूरत ग़ज़ल।
हर बंध बेहतरीन है।
सादर।

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