दिलों को दीपमालाएँ लुभाती हैं दिवाली में
जमीं को देख परियाँ मुस्कराती हैं दिवाली में |
जरूरी हार इनकी, ये अँधेरे हार जाते हैं
शमाएँ मिल असर अपना दिखाती हैं दिवाली में |
मजे से ज़िंदगी जीना कभी तुम सीखना इनसे
जवां दिल की उमंगें गीत गाती हैं दिवाली में |
यही सच, दौर कितना भी बुरा हो, बीत जाता है
गमों को जीत, खुशियाँ जगमगाती हैं दिवाली में |
न समझो शोर इसको ' विर्क ' बच्चों के पटाखों का
दबी-सी ख्बाहिशें आवाज़ पाती हैं दिवाली में |
दिलबाग विर्क
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तरही मिसरे पर आधारित शे'र -
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2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
Behad khubsurat gazal... Umda !!
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