बुधवार, अक्तूबर 19, 2016

चाँद देखता चाँद

प्रेम में पगा 
चाँद देखता चाँद 
मांगता दुआ |

व्रत का व्रत 
मजबूत रहेगी 
प्रीत की डोर |

व्रत चौथ का 
एक तपस्या ही है 
व्यर्थ क्यों जाए  ?

कुछ भी न हो 
भले ये आडम्बर 
प्रीत तो देखो !

देख रहा है 
सुहाग का उत्सव 
चौथ का चाँद |

दिलबागसिंह विर्क
******

1 टिप्पणी:

Dr.Dayaram Aalok ने कहा…

'कुछ भी न हो
भले ये आडम्बर
प्रीत तो देखो !
यही यथार्थ है|'

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...