टूटकर बिखर जाऊं , इतना न तडपा साकी
जिद्द छोड़कर घूँट - दो - घूँट पिला साकी .
छीन ले होश मेरा , कर दे मदहोश मुझे
दूंगा फिर तुझे मैं , उम्र भर दुआ साकी .
अभी नजर प्यासी है , अभी दिल भरा नहीं
न चेहरा अपना जुल्फों में छुपा साकी .
याद रखना , सब्र की भी हद्द होती है
थोडा चैन भले ही लेना चुरा साकी .
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
दोस्त कैसा , दोस्ती का दुश्मन है ' विर्क '
उस काफिर का नाम न जुबां पे ला साकी .
* * * * *
16 टिप्पणियां:
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .....
क्या बात है... दिल के दर्द को अपनी कलम में उतार दिया आज आपने
बहुत खुद...दर्द भरी पेशकश
याद रखना , सब्र की भी हद्द होती है
थोडा चैन भले ही लेना चुरा साकी .
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल...हर शेर लाजवाब....
याद रखना , सब्र की भी हद्द होती है
थोडा चैन भले ही लेना चुरा साकी .
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
Bahut sunder panktiyan.....
kubsurat bhavon ko shabdon me utaar diya!
दिल का दर्द बयां करती सुंदर भाव पूर्ण रचना |बधाई
आशा
दिलबाग जी
ज़िंदगी में सुकून नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी
बढ़िया !
nice
वाह बहुत खूबसूरत इसी पर आपकी नज़र चंद शेर अर्ज़ कर रही हूँ
आज मुझ से मुझे मिला साकी
जाम तो हाथ सेपिला साकी
कौन मेरी सुने बता तुझ बिन
तू ही तो है मेरा खुदा साकी
रात तन्हा कसक उठी दिल मे
दर्द दिल का जरा मिटा साकी
लड़खड़ाता हूं, गिर न जाऊं मैं
थाम ले हाथ तो बढा साकी
आखिरी साँस तक चलें हम यूँ
वो जो बीता, उसे भुला साकी
छोड कर चल दिया मिला जो भी
तू ही तन्हार्इ से बचा साकी
क्या पता वक्त ये मिले न मिले
आज महफिल जरा सजा साकी
हादसे तो बड़े नहीं थे पर
फिर भी टूटा है हौसला साकी
शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर ग़ज़ल है दिलबाग जी ।
याद रखना , सब्र की भी हद्द होती है
थोडा चैन भले ही लेना चुरा साकी .
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
ज़िंदगी में सुकून नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी
बहुत अच्छी ग़ज़ल है...। मेरी बधाई...।
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
-वाह!! बहुत खूब...आनन्द आया.
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
-वाह! बहुत खूब!! आनन्द आया.
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
दोस्त कैसा , दोस्ती का दुश्मन है ' विर्क '
उस काफिर का नाम न जुबां पे ला साकी .
सभी शेर एक से बढ़कर एक..... वाह! क्या लाजवाब ग़ज़ल कही है.
बहुत ख़ूब !
जिंदगी में सकूं नाम की कोई चीज़ नहीं
होता है तो होने दे हादसा साकी .
वाह क्या बात है !
दोस्त कैसा , दोस्ती का दुश्मन है ' विर्क '
उस काफिर का नाम न जुबां पे ला साकी .
sunder sher puri gazal hi khas hai lajavab hai
rachana
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