सरकारी नौकरी
'' घर नहीं चलना , टाइम हो चुका है .'' - मेरे साथी ने मुझसे कहा . मैंने इस कार्यालय में आज ही ज्वाइन किया था .शायद इसीलिए उसने मुझे याद दिलाना चाहा था .
'' मेरी घड़ी पर तो अभी दस मिनट बाकी हैं .'' - मैंने घड़ी दिखाते हुए कहा .
'' वो तो मेरी घड़ी पर भी हैं ."
'' फिर ? ''
'' हम तो ऑफिस की घड़ी के हिसाब से चलेंगे .'' - उसने ऑफिस की घडी की तरफ इशारा किया .
'' लेकिन आए तो हम अपनी घडी के मुताबिक थे .''
'' हाँ , यही तो सरकारी नौकरी है .'' - उसने हंसते हुए कहा और ' देर से आना जल्दी जाना ' गुनगुनाते हुए वह बाहर की तरफ लपका , मैं भी अपना सामान समेटने लगा .
* * * * *
11 टिप्पणियां:
ਲਾਜਵਾਬ .
बहुत सही...यही तो सरकारी नौकरी है...इसीलिए तो देश का कल्याण हो रहा है
वाह रे सरकारी नौकरी का टाइम टेबल
bahut kub
sarkari
भिक्षाटन करता फिरे, परहित चर्चाकार |
इक रचना पाई इधर, धन्य हुआ आभार ||
http://charchamanch.blogspot.com/
यही तो सरकारी नौकरी है.. :(
क्या गणित है....
बहुत कुछ कह दिया आपने तो इस लघुकथा में!
अपनी घड़ी जिन्दाबाद!
सटीक अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
A bitter truth !
सार्थक चिंतन।
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कम्प्यूटर से तेज़!
इस दर्द की दवा क्या है....
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