क्या कीमत है फूल की गर वो महकना छोड़ दे ।
माना कि बहुत जालिम है सैयाद यहाँ का मगर
इतनी बेबसी भी क्या कि बुलबुल चहकना छोड़ दे ।
हर किसी के नसीब में यहाँ चाँद नहीं होता
फिर गिला कैसा, नसीब की बात कहना छोड़ दे ।
लम्बा सफर है जिन्दगी का, हमसफर मिलते रहेंगे
किसी के इन्तजार में, हर मोड़ पर रुकना छोड़ दे ।
जो मझधार में छोड़ गए वो दोस्त ही कब थे
ऐसे लोगों की याद में तू दहकना छोड़ दे ।
सिर्फ आंसू बहाना ही मकसद नहीं है जीने का
दिल का कहना मानकर विर्क बहकना छोड़ दे ।
सिर्फ आंसू बहाना ही मकसद नहीं है जीने का
दिल का कहना मानकर विर्क बहकना छोड़ दे ।
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8 टिप्पणियां:
वाह जनाब वाह........क्या ख़ूब कही
माना कि बहुत जालिम है सैयाद यहाँ का मगर
इतनी बेबसी भी क्या कि बुलबुल चहकना छोड़ दे ।
बहुत खूब...............
हर किसी के नसीब में यहाँ चाँद नहीं होता
फिर गिला कैसा, नसीब की बात कहना छोड़ दे ।
वाह!!!!
माना कि बहुत जालिम है सैयाद यहाँ का मगर
इतनी बेबसी भी क्या कि बुलबुल चहकना छोड़ दे ।
bahut khood bhai...
Behtareen Gazal.
आपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार २२ /५/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |
जो मझधार में छोड़ गए वो दोस्त ही कब थे
ऐसे लोगों की याद में तू दहकना छोड़ दे ।
..................बहुत खूब.
हर किसी के नसीब में यहाँ चाँद नहीं होता
फिर गिला कैसा, नसीब की बात कहना छोड़ दे ।
बहुत बढ़िया...
क्या कहने...
शानदार....:-)
माना कि बहुत जालिम है सैयाद यहाँ का मगर
इतनी बेबसी भी क्या कि बुलबुल चहकना छोड़ दे ...
Awesome !!!!
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