प्यार प्यार न रहेगा, सनम छूट जाएगा
' मैं ' को पकड़ोगे तो ' हम ' छूट जाएगा ।
अगर यूं ही बढ़ते गए दिलों के फासले
तो एक दिन देखना, तकुल्लम छूट जाएगा ।
जिन्दा रहना सजा होगा, अगर हाथ से
इंसानियत का परचम छूट जाएगा ।
ये रास्ते हैं इनकी अहमियत कुछ नहीं
खुदा मिला तो दैरो-हरम छूट जाएगा ।
न तंगदिल बनो लोगो, इस तंगदिली से
प्यार का, खुशियों का मौसम छूट जाएगा ।
ख़ुशी के पीछे दौड़ना छोड़ दो विर्क
फिर देखना, पीछे हर गम छूट जाएगा ।
*******************
तकुल्लम ---- वार्तालाप
दैरो - हरम ---- काबा और बुतखाना
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' मैं ' को पकड़ोगे तो ' हम ' छूट जाएगा ।
अगर यूं ही बढ़ते गए दिलों के फासले
तो एक दिन देखना, तकुल्लम छूट जाएगा ।
जिन्दा रहना सजा होगा, अगर हाथ से
इंसानियत का परचम छूट जाएगा ।
ये रास्ते हैं इनकी अहमियत कुछ नहीं
खुदा मिला तो दैरो-हरम छूट जाएगा ।
न तंगदिल बनो लोगो, इस तंगदिली से
प्यार का, खुशियों का मौसम छूट जाएगा ।
ख़ुशी के पीछे दौड़ना छोड़ दो विर्क
फिर देखना, पीछे हर गम छूट जाएगा ।
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तकुल्लम ---- वार्तालाप
दैरो - हरम ---- काबा और बुतखाना
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4 टिप्पणियां:
वाह ...एक बेहतरीन लेखनी ...बहुत खूब
मैं को पकड़ने से हम छूट जाएगा .... बेहतरीन
ग़ज़ल के सभी अशआर बहुत उम्दा हैं!
बहुत ही खूबसूरत !
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