बढ़िया....सार्थक हायेकु..सादरअनु
सुन्दर सहज अभिव्यक्त हुए हैं ये हाइकु -नेताओं की ,हरदम ,पौ बारह .
सुंदर !
. बंधुवर दिलबाग विर्क जी सुंदर और सार्थक हाइकु लिखे हैं…बस्तों का बोझ ढो रहा बचपन ये कैसी शिक्षा ? बहुत ख़ूब !पूरी पोस्ट पसंद आई आपकी कुछ न पढ़ी हुई रचनाओं का भी आज आनंद लिया …अच्छा काम कर रहे हैं आप … शुभकामनाओं सहित… राजेन्द्र स्वर्णकार
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4 टिप्पणियां:
बढ़िया....
सार्थक हायेकु..
सादर
अनु
सुन्दर सहज अभिव्यक्त हुए हैं ये हाइकु -
नेताओं की ,
हरदम ,
पौ बारह .
सुंदर !
.
बंधुवर दिलबाग विर्क जी
सुंदर और सार्थक हाइकु लिखे हैं…
बस्तों का बोझ
ढो रहा बचपन
ये कैसी शिक्षा ?
बहुत ख़ूब !
पूरी पोस्ट पसंद आई
आपकी कुछ न पढ़ी हुई रचनाओं का भी आज आनंद लिया …
अच्छा काम कर रहे हैं आप …
शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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