यह हाइकू तो बहुत सटीक रहा!
छोटे छोटे हाइगा,कितनी गहरी चोट !खुरच खुरच कर काढ दे समाज की हर खोट ||
खादी अगर अब तक है तो चरखा भी होना लाज़मी है उसका रूप भले ही बदल गया हो बढिया हाइगा
गागर में सागर सरीखा हाइगा ।
सटीक
बेहद सटीक......
बहुत ही सामयिक परावर्तन - - लोग नाम के सहारे तरे जा रहे हैं।
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9 टिप्पणियां:
यह हाइकू तो बहुत सटीक रहा!
छोटे छोटे हाइगा,कितनी गहरी चोट !
खुरच खुरच कर काढ दे समाज की हर खोट ||
खादी अगर अब तक है तो चरखा भी होना लाज़मी है उसका रूप भले ही बदल गया हो
बढिया हाइगा
गागर में सागर सरीखा हाइगा ।
सटीक
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बेहद सटीक......
बहुत ही सामयिक परावर्तन - - लोग नाम के सहारे तरे जा रहे हैं।
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