जज्बाती होना ये रंग है लाया
दर्द का मर्ज मैंने दिल को लगाया ।
मेरी बेबसी का ये हाल है यारो
हँसने की कोशिश की जब, रोना आया ।
सीखा रास्ते की हर ठोकर से मगर
हर रोज हमने एक नया जख्म खाया ।
पीठ पीछे तालियाँ बजा रहा था वो
पास आकर जिसने अफसोस जताया ।
उधेड़बुन में हाथ से निकले दोनों
न दुनिया हुई मेरी, न सनम पाया ।
नफरतों का साज बज रहा साथ इसके
लोगों ने ये कैसा प्रेम गीत गाया ।
इस दुनिया पे ऐतबार न करो ' विर्क '
इसने अक्सर शिखर पर चढ़ाकर गिराया ।
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दर्द का मर्ज मैंने दिल को लगाया ।
मेरी बेबसी का ये हाल है यारो
हँसने की कोशिश की जब, रोना आया ।
सीखा रास्ते की हर ठोकर से मगर
हर रोज हमने एक नया जख्म खाया ।
पीठ पीछे तालियाँ बजा रहा था वो
पास आकर जिसने अफसोस जताया ।
उधेड़बुन में हाथ से निकले दोनों
न दुनिया हुई मेरी, न सनम पाया ।
नफरतों का साज बज रहा साथ इसके
लोगों ने ये कैसा प्रेम गीत गाया ।
इस दुनिया पे ऐतबार न करो ' विर्क '
इसने अक्सर शिखर पर चढ़ाकर गिराया ।
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1 टिप्पणी:
खूबसूरत अलफ़ाज़ हैं ... बहुत खूब ...
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