शुक्रवार, अप्रैल 22, 2011

कुंडलिया छंद -1

               कन्या भ्रूण हत्या                            
                       

बेटी मरती गर्भ में ,हम सब जिम्मेदार 
चुप्पी धारण की तभी ,होता अत्याचार .
होता अत्याचार , हुई  प्रताड़ित नारी 
वेदों का है देश  ,लगाते कलंक भारी .
कहत 'विर्क' कविराय , हो रही इससे हेठी 
कहलाओ इन्सान ,  मारते हो तुम बेटी .

                 * * * * *  
                        हेठी --- अपमान ,बेइज्जती 
                       * * * * *

6 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर अर्थपूर्ण छंद ...

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

विर्क भाई आप का कुंडली छन्द के प्रति बढ़ता रुझान सराहनीय है| कहन आप के पास ग़ज़ब की है| माँ शारदे से यही कामना है कि वो आपकी लेखनी पर सदा मेहरबान रहें|

केवल राम ने कहा…

बेटी मरती गर्भ में ,हम सब जिम्मेदार
चुप्पी धारण की तभी ,होता अत्याचार .


बहुत मार्मिक पंक्तियाँ ...आज के सन्दर्भों को बखूबी उद्घाटित किया है आपने ...आपका आभार

त्रिवेणी ने कहा…

बहुत गहरी बात कही है इस पोस्ट में
अगर कोई जाने तब ना ..?
इस बात को विस्तृत रूप में पढने के लिए नीचे लिंक पर जाएँ
http://shabdonkaujala.blogspot.com/search/label/Mini%20kahani

हरदीप

Asha Lata Saxena ने कहा…

संक्षेप में बहुत कुछ कह दिया है |बधाई
आशा

daanish ने कहा…

aapki baat
aapkaa lehjaa
aapka kaavya

sabhi shaandaar .

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