मंगलवार, सितंबर 04, 2012

रख लो पद का मान

गुरु में गुरुता है नहीं , खोया है सम्मान 
शक की सूई घूमती , अब ना रहा महान ।
अब ना रहा महान , समाज बना है दुश्मन 
दिखते सबको दोष , उठाता उँगली हर जन ।
खुद में करो सुधार , प्रयास आज से हों शुरू 
रख लो पद का मान, दिखाओ तुम बनकर गुरु ।

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4 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर...
न वैसे गुरु रहे न शिष्य...

सादर
अनु

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

खूबसूरत अहसास ( गुरु दिवस पर विशेष ):)))

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बहुत सुन्दर.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सटीक ...

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