शनिवार, नवंबर 22, 2014

राम भरोसे

राम भरोसे चल रहा, मेरा भारत देश 
इसे लुटेरे लूटते, धर साधू का वेश। 
धर साधू का वेश, सभी ने भरी तिजौरी 
ठग, भ्रष्ट और चोर, करें हैं सीनाज़ोरी । 
कहता सबसे ' विर्क ', कौन अब किसको कोसे 
भारत देश महान, चले है राम भरोसे । 

दिलबाग विर्क 
*****

6 टिप्‍पणियां:

Malhotra vimmi ने कहा…

धर साधू का वेष, भरी सभी ने तिजौरी

ठग, भ्रष्ट और चोर, करें हैं सीनाज़ोरी ।

एक कटु सत्य।
एैसे लोगों से बचने के लिए हमें खुद को जागृत करना होगा।

Asha Lata Saxena ने कहा…

कटु सत्य है |जब ऐसे योगी होंगे तो देश का तो भगवान ही मालिक होगा |इनसे वही रक्षा करेगा |

कविता रावत ने कहा…

बहत से नादाँ मासूम लोग बाग जब ऐसे लोगों को अपना भगवान समझ बैठते हैं तो ऐसा ही हाल होता है ....फिर भी कहाँ सँभलते है एक छोड़ा तो दूसरे को भगवान बना लेते हैं..
सरकार वोट बैंक की चिंता न करे तो ऐसे योगी पनपे ही नहीं ..लेकिन ..
...बहुत सटीक प्रस्तुति

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

इतने पतन का युग भी देखना पड़ रहा है !

Shanti Garg ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति
आभार !

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

सटीक सामयिक रचना

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