आज का सच
अध्यापक ने बच्चों को ईमानदार लकडहारा कहानी याद करने के लिए दी थी . अगले दिन कहानी सुनी जा रही थी . सुनाते वक्त एक बच्चे की जवान लडखड़ाई ." लकडहारा ईमानदार आदमी था ", कहने की बजाए वह बोला -" ईमानदार आदमी लकडहारा था ."
अध्यापक सोच रहा है कि यही तो आज के वक्त का सच है कि ईमानदार आदमी लकडहारा ही है , अर्थात मजदूर है , गरीब है , बेबस है , मामूली आदमी है और जो भ्रष्ट है वह मालिक है , अमीर है , शहंशाह है , मजे में है .
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11 टिप्पणियां:
वाह मास्साब सुंदर ...
बहुत सारगर्भित बात कह दी आप ने
बहुत सुन्दर
बहुत - बहुत धन्यवाद
Heart touching laghu katha. wonderful.
शब्द कम पर बात बहुत ग़हरी..!!
वाह मित्रवर,बहुत अच्छे ।
मार्कण्ड दवे ।
Sach kahti sundar katha..
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क्या यही सिखाता है इस्लाम...? क्या यही है इस्लाम धर्म
सटीक बात कह दी ... अच्छी प्रस्तुति
सच कहा।
इस तरह के कथन लघुकथा को कमज़ोर करते हैं ; क्योंकि लघुकथा में इस तरह की व्याख्या की गुंजाइश नहीं होती ।
सुंदर प्रस्तुति
बेहद हृदयस्पर्शी
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