निर्णय के क्षण
कर्ण की कशमकश से सम्बन्धी कविता छः किश्तों में इसी ब्लॉग पर प्रस्तुत की गई थी. यह कविता इसी शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक में प्रकाशित है. इस पुस्तक को हरियाणा साहित्य अकादमी से 7500 रु का अनुदान मिला था. मेरे निजी विचारानुसार यह कविता अनुदान मिलने का प्रमुख कारण थी. सभी भागों पर मिली प्रतिक्रियाओं ने इस विचार को पुष्ट किया है. जो इसे नहीं पढ़ पाए या जो इसे इकट्ठा पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए इसके सभी लिंक यहाँ पर प्रस्तुत हैं.
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2 टिप्पणियां:
सभी भागों को एक साथ पढने का आनंद कुछ अलग ही रहा...बहुत उत्कृष्ट रचना ....आभार
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
हमने सभी कड़िया बाँच लीं हैं!
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