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चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
मंगलवार, अप्रैल 16, 2013
रौशनी
ये शम्अ हमसे कहीं बेहतर रही
हम भी जले मगर
रौशनी
न हुई ।
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