गुरुवार, मई 16, 2013

नजरें



तकरार के उन पलों में अगर सोचकर बोला होता
अब सुलह के इस दौर में नजरें यूँ झुकी न होती ।

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3 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूब

Sadhana Vaid ने कहा…

वाह ! बहुत बढ़िया !

Rajendra kumar ने कहा…

अतिसुन्दर...

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