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चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
गुरुवार, मई 16, 2013
नजरें
तकरार के उन पलों में अगर सोचकर बोला होता
अब सुलह के इस दौर में
नजरें
यूँ झुकी न होती ।
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3 टिप्पणियां:
संगीता स्वरुप ( गीत )
ने कहा…
बहुत खूब
मई 17, 2013 11:42 pm
Sadhana Vaid
ने कहा…
वाह ! बहुत बढ़िया !
मई 17, 2013 11:45 pm
Rajendra kumar
ने कहा…
अतिसुन्दर...
मई 18, 2013 9:21 am
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3 टिप्पणियां:
बहुत खूब
वाह ! बहुत बढ़िया !
अतिसुन्दर...
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