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चंद आँसू, चंद अल्फ़ाज़ ( कविता संग्रह )
बुधवार, मई 08, 2013
गम की दोपहरी
तुम कब घटा बनकर छाओगे दोस्त
गम की दोपहरी
में जल रहे हैं हम ।
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